Sunday, December 11, 2011

Meri Zindagi.!!

छोटा आदमी हु, यही कही गुम हो जाऊंगा,
दुनिया ढुंढेगी, फिर भी नजर न आऊंगा..!

कर दिया कुछ तो , नया इतिहास बनेगा,
हर दिल में जगह कुछ "खास" बनेगा .!

यही सोचकर, कुछ करने की चाह करता हु,
जिन्दा हु, फिर भी न जाने पल पल क्यों मरता हु ..!

शायद जी ने की चाह ने मुझे डरा दिया है,
सपने ज्यादा है, हौसले कम है, इसी ने मुझे हरा दिया है ...!!!!

Saturday, December 3, 2011

Fake ID aur Sapna

एक दिन मेरे जेहन में एक " ख़याल " आया,
मुझे भी facebook पर fake ID बनाने का नशा छाया,

अजी अब सोचना क्या था, देखते देखते एक fake ID बना दिया,
और उसपर पर एक सुन्दर कन्या का फोटो चिपका दिया,

जब से हमने " बसंती " की नाम से fake ID बनाई है,
अल्लाह कसम उसपर बहुत सारे friend request आयी है

मेरे Original ID पर कभी कोई comment न आता था,
पर बसंती वाले पर तो मेला सा लग जाता था,

एक दिन मेंरे दिमाग में कुछ अजीब सा चल रहा था
अन्दर ही अन्दर दाल के साथ कंकड़ भी गल रहा था,


भारत में बढ़ाते लिंग अनुपात का ख़याल आने लगा,
ये मुद्दा मेरे जेहन में गंभीरता से छाने लगा ,


मैंने कलम उठाया मंत्री जी को एक पाती लिख डाला,
उस ख़त में एक-एक दुखड़ा सुना डाला,

मैंने लिखा .....

जनाब भ्रष्ट अधिकारियो के झासे में न आईये,
सच्चा लिंग अनुपात देखना है तो facebook पर आईये,

कुछ दिनों तक मंत्री जी का कोई जवाब न आया,
पर एक दिन बसंती की ID पर एक Request आया,


उस fake ID की friend request को एक्सेप्ट किया ,
वो भी fake ID ही थी ऐसा मैंने suspect किया,

कुछ दिनों में मुझे मंत्री जी का ख़त मिला ,
उन्होंने भी share किया मुझसे अपना सिकवा गिला,

बोले भाई ... हम तुमसे मिलने तुम्हारे क्षेत्र में आयेंगे,
facebook पर लिंग अनुपात का मुद्दा हम संसद में उठाएंगे,

जब इलेक्शन आया , मंत्री जी हमारे यहाँ आये ,
मेरे क्षेत्र से मुझे उमीदवार के पर्चे भरवाए ,

बोले... हमारी पार्टी का इस क्षेत्र से तू उम्मीदवार होगा ,
हम जितना भी लूटेंगे उसमे तू भी भागीदार होगा ,

भ्रष्ट बन जा तू, पर सब के लिए तू इमानदार होगा,
यहाँ जितने भी "अंधे" है ,तू उनका "काना" सरदार होगा,

सोचा.... एक साफ छबि का नेता बनकर राजनीति में आ जाऊंगा,
कुछ सत्कर्म करूँगा , लोगो के दिलो पर छा जाऊंगा ,

अब तो ये सोचकर रातो की नींद आँखों से जाने लगा,
नेता बनूँगा , यही खयाली पुलाव पकाने लगा ,

अगले दिन से अपने क्षेत्र का मोर्चा संभाला ,
साफ छबी का नेता हु यह कह कर दो चार भाषण दे डाला ,

हर भाषण को कविता की तरह सुनाता था ,
तालियों की जगह, लोगो की वाह-वाह सुनने को आता था ,


मेरे खिलाफ बिपक्ष को कोई मुद्दा नहीं मिल पाता था,
नेक इन्सान था हर तरफ से वाह-वाही लूटे जा रहा था ,

फिर एक दिन ...........

भ्रष्टाचार के खिलाफ एक रैली लगा दिया ,
सोये हुए लोगो के अन्दर का जज्बात जगा दिया,

हुआ कुछ यू... लोग सड़को पर उतर आये ,
भ्रस्टाचार मुर्दाबाद मेरे जिंदाबाद के नारे लगाये ,

एक उम्मीद लिए मै भी बहुत खुश हो रहा था ,
उमंग थी दिल में इस क्षेत्र का नेता हो रहा था ,

सोच कर हँस रहा था ,fake ID की idea ने मुझे यहाँ तक पंहुचा दिया,
उस अजीब से " ख़याल " ने मुझे नजाने कैसे कैसे सपने दिखा दिया ,


बिपक्ष को ये बात रास न आ रही थी ,
वो भी मेरे खिलाफ सुबूत जुटा रही थी ,

फिर एक दिन ...थानेदार ही एक वारंट का परचा दे दिया ,
बिपक्ष को क्या था, उसने भी मुझे भ्रष्ट का दर्जा दे दिया ,

लाठिया चली जुते पड़े , हम भी उसमे भागीदार हुए ,
कुछ लोग तो मुकाबले किये, हम तो पहले फरार हुए ,

fake ID के जुर्म में FIR दर्ज कराया जा चूका है ,
पीछा छुड़ाने के चक्कर में , नेताओ के कई चक्कर लगाया जा चूका है ,

साफ छबी दिखाया था अपना, अब रिश्वत देकर पीछा छुड़ा रहा हु ,
अब तो facebook और twitter पर लोगो की गालिया खा रहा हु .