उसे याद तो मेरी आती है.. फिर,
पर ना जाने क्यों, सब से छुपाती है..!
मेरा दिल भी रोता है हर रात, उसे खोने के बाद,
अब तो हर रात जागता रहता हू, दुनिया के सोने के बाद..!
सपने की दुनिया थी, तेरे पल भर के प्यार का एहसास,
ना जाने क्यों लम्हे लगते थे ही कुछ खास..!
दिल सोचता है हर पल ये ....
उसे मिलना ना था तो, पास बुलाया क्यों था,
ना थी दिल में जगह तो, होठो पर वो लफ़्ज लाया क्यों था ..!
बदनाम है " संदीप ", ये कहते है इस सहर के लोग,
वो क्या जाने, होते क्या है ये प्यार के रोग ...!
हालत अब ऐसी है ........
उसकी यादो और जख्मो को, छुपाकर रखता हू इस दिल के पास,
" नमक " लेकर बैठे है, हर मोड़ पर , कुछ अपने ही खास .!
पर ना जाने क्यों, सब से छुपाती है..!
मेरा दिल भी रोता है हर रात, उसे खोने के बाद,
अब तो हर रात जागता रहता हू, दुनिया के सोने के बाद..!
सपने की दुनिया थी, तेरे पल भर के प्यार का एहसास,
ना जाने क्यों लम्हे लगते थे ही कुछ खास..!
दिल सोचता है हर पल ये ....
उसे मिलना ना था तो, पास बुलाया क्यों था,
ना थी दिल में जगह तो, होठो पर वो लफ़्ज लाया क्यों था ..!
बदनाम है " संदीप ", ये कहते है इस सहर के लोग,
वो क्या जाने, होते क्या है ये प्यार के रोग ...!
हालत अब ऐसी है ........
उसकी यादो और जख्मो को, छुपाकर रखता हू इस दिल के पास,
" नमक " लेकर बैठे है, हर मोड़ पर , कुछ अपने ही खास .!