छोटा आदमी हु, यही कही गुम हो जाऊंगा,
दुनिया ढुंढेगी, फिर भी नजर न आऊंगा..!
कर दिया कुछ तो , नया इतिहास बनेगा,
हर दिल में जगह कुछ "खास" बनेगा .!
यही सोचकर, कुछ करने की चाह करता हु,
जिन्दा हु, फिर भी न जाने पल पल क्यों मरता हु ..!
शायद जी ने की चाह ने मुझे डरा दिया है,
सपने ज्यादा है, हौसले कम है, इसी ने मुझे हरा दिया है ...!!!!
Nicely written...9 out of 10.
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