Sunday, December 11, 2011

Meri Zindagi.!!

छोटा आदमी हु, यही कही गुम हो जाऊंगा,
दुनिया ढुंढेगी, फिर भी नजर न आऊंगा..!

कर दिया कुछ तो , नया इतिहास बनेगा,
हर दिल में जगह कुछ "खास" बनेगा .!

यही सोचकर, कुछ करने की चाह करता हु,
जिन्दा हु, फिर भी न जाने पल पल क्यों मरता हु ..!

शायद जी ने की चाह ने मुझे डरा दिया है,
सपने ज्यादा है, हौसले कम है, इसी ने मुझे हरा दिया है ...!!!!

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