ना जाने उसकी "पायल" उसे, मेरी याद दिलाती की नहीं,
मै तो उसके "बाली" को सिने से लगाकर सोता हु...
ना जाने उसे मेरी याद आती की नहीं..
अब भी मै, उसे याद कर, पल पल रोता हु ...!!
रिश्ते वो न जुड़ सके, जो दुनिया के बनाये है,
हर पल " ये " बोझ मन में ढोता हूँ ...!
कैसे समझता मै उसको, उससे बिछड़कर,
ना जगता हूँ , ना सोता हूँ ..!!
चाहा था तुम्हे, अब भी तुझे चाहता हूँ,
जब दूर जाना हो मुझसे, एक बार बस बता के जाना !
क्या पता..कभी दस्तक दे दे तेरे सहर में,
मुलाकात की हसरत है, अपना पता दे के जाना !!
ना मिलना होगा मुझसे तुम्हे ... वो भी मंजूर है,
लफ्जो को बिराम देकर , बस इशारो से जता देना !
हम कभी न लौटेंगे, तेरे दुनिया में ,
........पर मेरी ख़ता बता देना !!
मै तो उसके "बाली" को सिने से लगाकर सोता हु...
ना जाने उसे मेरी याद आती की नहीं..
अब भी मै, उसे याद कर, पल पल रोता हु ...!!
रिश्ते वो न जुड़ सके, जो दुनिया के बनाये है,
हर पल " ये " बोझ मन में ढोता हूँ ...!
कैसे समझता मै उसको, उससे बिछड़कर,
ना जगता हूँ , ना सोता हूँ ..!!
चाहा था तुम्हे, अब भी तुझे चाहता हूँ,
जब दूर जाना हो मुझसे, एक बार बस बता के जाना !
क्या पता..कभी दस्तक दे दे तेरे सहर में,
मुलाकात की हसरत है, अपना पता दे के जाना !!
ना मिलना होगा मुझसे तुम्हे ... वो भी मंजूर है,
लफ्जो को बिराम देकर , बस इशारो से जता देना !
हम कभी न लौटेंगे, तेरे दुनिया में ,
........पर मेरी ख़ता बता देना !!
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