भगत सिंह जी की शुभ जयंती पर
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हर दिन सूरज आसमान में दीखता है,
आज एक सूरज भारत में आया था।
सोये हुए हर प्राणी में ,
एक क्रांति अंगार जलाया था।
क्या पूजूं मै राम कृशन को ,
क्यों अल्लाह को ढुंढू मस्जिद में।
जब देश प्रेम है पूजा मेरी ,
तुम ही भगवन हो मेरे जिद में।
गुलाम न रहे देश हमारा ,
एक ही उनकी ख्वाहिश थी,
आज खुसी से जश्न मनालो ,
वो शुभ दिन सितम्बर अठाईस थी।
जय भारत , जय भगत सिंह
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