बदल जायेगा देख कुछ सालो में,
ये इन्तेजार तो हर बारी करता हूँ!
थोड़े पैसे बचा बचा कर,
ख्वाब - ए - फरारी करता हूँ!
पर महंगाई के दौर देखकर,
खवाबो में भी घुड़सवारी करता हूँ!
चारा कोई लुट न ले, इसीलिए,
खुद खेती बारी करता हूँ !
बदल जायेगा देख कुछ सालो में,
ये इन्तेजार तो हर बारी करता हूँ!
बची रही इज्जत शहर में,
थोड़े धनी होने की बीमारी करता हूँ!
कुछ योजना का लाभ मिले, इसीलिए,
मंत्री तंत्री की बन्दंवारी करता हूँ !
चलो टैक्स देने का समय आ गया,
उसे भरने की तैयारी करता हूँ !
बदल जायेगा देख कुछ सालो में,
ये इन्तेजार तो हर बारी करता हूँ!
ये इन्तेजार तो हर बारी करता हूँ!
थोड़े पैसे बचा बचा कर,
ख्वाब - ए - फरारी करता हूँ!
पर महंगाई के दौर देखकर,
खवाबो में भी घुड़सवारी करता हूँ!
चारा कोई लुट न ले, इसीलिए,
खुद खेती बारी करता हूँ !
बदल जायेगा देख कुछ सालो में,
ये इन्तेजार तो हर बारी करता हूँ!
बची रही इज्जत शहर में,
थोड़े धनी होने की बीमारी करता हूँ!
कुछ योजना का लाभ मिले, इसीलिए,
मंत्री तंत्री की बन्दंवारी करता हूँ !
चलो टैक्स देने का समय आ गया,
उसे भरने की तैयारी करता हूँ !
बदल जायेगा देख कुछ सालो में,
ये इन्तेजार तो हर बारी करता हूँ!
No comments:
Post a Comment